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छोटे छोटे दुःख

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :255
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2906
आईएसबीएन :81-8143-280-0

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जिंदगी की पर्त-पर्त में बिछी हुई उन दुःखों की दास्तान ही बटोर लाई हैं-लेखिका तसलीमा नसरीन ....

केबिन क्रू के बारे में


दुनिया के किसी भी सभ्य देश में विमानवालाओं के लिए, उम्र की कोई भी पाबंदी नहीं लगाई गई कि इस उम्र तक औरत नौकरी कर सकती है, उसके बाद नहीं। लेकिन इस देश में उम्र की भी सीमा बाँध दी गई है! इस देश में विमानबालाएँ पैंतीस की उम्र तक नौकरी कर सकती हैं और विमान के पुरुष क्रू की उम्र पैंतालीस वर्ष तक निर्धारित की गई है। लेकिन यह पैंतीस-पैंतालीस की सीमा क्यों? यूरोप या अमेरिका के किसी भी विमान में विमानवालाओं की उम्र नहीं बाँधी गई है। जिस उम्र तक सरकारी नौकरी की जाती है, विमान की नौकरी भी उस उम्र तक की जाती है। साठ, यहाँ तक कि पैंसठ की उम्र तक, औरत हो या मर्द, दुनिया के सभी सभ्य देशों में नौकरी करने का हक है। सरकारी नौकरी करने की जो उम्र सुनिश्चित है, उसके बाहर, सिंगापुर विमान में केविन-क्रू के लिए खास उम्र तय की गई है विमानबालाओं के लिए चालीस और पुरुष क्रू के लिए पैंतालीस! एकमात्र बंगलादेश में ही पैंतीस और पैंतालीस का हिसाब चलता है! जिस उम्र का किसी भी विमान में पालन नहीं किया जाता, वह बंगलादेश में निभाया जाता है! भारत में भी चालीस-पैंतालीस का नियम लागू था। लेकिन हाईकोर्ट में इस बारे में मुकदमा दायर किया, राजीव गाँधी के शासनकाल में हाईकोर्ट ने उम्र का यह फर्क खारिज कर दिया। अब इन गंदी विषमताओं से भारत भी मुक्त हो चुका है। पाकिस्तान जैसे वज्र मुस्लिम देश में भी अब यह बर्बर रिवाज लागू नहीं है। लेकिन जो सब विषमताएँ या भूलें ख़त्म करके, तीसरी दुनिया के अन्यान्य देश शुद्ध हो चुके हैं, वहीं बंगलादेश के मामले में हम क्या शुद्धता की उम्मीद नहीं कर सकते? विमानबाला की नौकरी में, लड़की अठारह से बाइस की उम्र में आती हैं। पैंतीस की उम्र में उसे यह नौकरी छोड़ देना पड़ती है। इस नौकरी के दम पर लड़की शायद पूरी गृहस्थी चलाती है। लेकिन पैंतीस की उम्र तक पहुँचते ही विमानबालाएँ एकदम से मर तो नहीं जातीं। अगर मर जातीं तब तो समस्या ही खत्म हो जाती; मर जाती तो आत्मनिर्भर होने के पाप या पुण्य से भी मुक्त हो जातीं। लेकिन चूँकि वे मरती नहीं, चूँकि उसके बाद भी जीना, उनकी लाचारी होती है। उन्हें अपनी या अपने परिवार की जिम्मेदारी पैंतीस की उम्र के बाद भी उठानी पड़ती है! पैंतीस की उम्र में अगर औरत को नौकरी से निकाला जाता है, उसके बाद वह किसी भी सरकारी नौकरी के योग्य नहीं रह जाती। वैसे भी पैंतीस वर्ष की उद्यमी मेहनती औरत को नौकरी से निकाल वाहर करने की आखिर क्या वजह हो सकती है? आम राय यह है कि पैंतीस की उम्र के बाद औरत में यौन उत्तेजना कम हो जाती है। इसलिए उन्हें नौकरी से ख़ारिज कर दिया जाता है। विमानबाला अगर अपने काम में दक्ष हो तो बंगलादेश विमान को उसकी यौनता से क्या सरोकार है? असल में, हम सब चाहे जितनी भी बातें करें, हमें यह मानकर चलना होगा कि नौकरी के मामले में औरत की प्रतिभा, मेधा, दक्षता वगैरह का भी विचार नहीं होता, बल्कि औरतों से नौकरी करवाने का मतलब है, उसके सेक्स का इस्तेमाल! जब तक उसका सेक्स उमड़ा पड़ता है, औरत को नौकरी करने का हक़ दिया जाता है। सेक्स खत्म, तो नौकरी भी ख़त्म!

विमानवालाओं को पैंतीस की उम्र में विदा तो कर दिया जाता है लेकिन उन्हें इसके लिए कोई हरजाना नहीं दिया जाता। अन्यान्य नौकरी में अगर समय से पहले अवसर-ग्रहण कराते हैं, तो हरजाना भी देना पड़ता है। फौज के लोग रिटायर होने के बाद भी राशन-पानी पाते हैं, फौजी-अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा पाते हैं। विमान का पायलट भी अगर सत्तावन वर्ष की उम्र से पहले अवसर लेता है, तो उसे रिटायरमेंट भत्ता और पारितोषिक के अलावा साढ़े चौदह लाख रुपयों का मुआवजा मिलता है। सिर्फ इतना ही नहीं, अवसर प्राप्त पायलट को उसके पूरे परिवार के सभी ख़र्च मिलते हैं। इलाज तक का खर्च भी! हाँ, यह सच है कि बड़े-बड़े नौकरिया अफसरों के मुकावले छोटे अफसरों को सुयोग-सुविधा कम है। लेकिन इस वजह से ऐसी निर्लज्ज विषमता भी क्या कबूल करना होगी?

बंगलादेश विमान में इन दिनों एक नया नियम लागू किया गया है। केबिन-क्रू को पाँच वर्षों के अनुबंध पर नौकरी में लिया जा रहा है। अगर वह व्यक्ति मन मुताबिक हुआ, तो पाँच साल बाद नौकरी का वक्त बढ़ा दिया जाएगा। वर्ना नहीं बढ़ाया जाएगा यानी नौकरी नॉट! यह भी तो एक किस्म की अनिश्चयता है! एक अहम पेशे में ऐसी अनिश्चयता का खेल इंसान को अस्थिर किए रहता है; इसलिए धीरज और एकाग्रता भी नहीं रहती।

सन् 80 से पैंतीस और पैंतीस की उम्र की जो मापकाठी प्रचलित है उसे हमेशा के लिए खत्म किया जाना चाहिए। ये औरतें सम्मानित पेशे में हैं! वे लोग वेश्या नहीं हैं कि जवानी ख़त्म होते ही, उन्हें विदा लेना होगा। जबकि विमान अधिकारी विमानबालाओं को वेश्या ही समझते हैं। वे औरतें माँ बनें, इस बात पर भी विमान के उच्चाधिकारियों को प्रबल आपत्ति है। वर्ना उन लोगों को नौ महीने की मेटर्निटी-छुट्टी क्यों नहीं दी जाती? उनकी जमा छुट्टियों में से प्रसूति-छुट्टियाँ क्यों कटवाना होंगी? पैंतीस साल की उम्र में नौकरी गँवा देने के बाद उन्हें मुआवजा क्यों नहीं मिलेगा? मेरे इस सवाल पर बहुतेरे लोग कहेंगे-ऐसा ही नियम है। लेकिन, मेरा एक और भी सवाल है-ऐसा नियम क्यों है? ऐसी असमानता क्यों है? यह विषमता क्यों है? औरत के शोषण का यह बर्बर नियम बंगलादेश विमान में क्यों विराज रहा है?




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    अनुक्रम

  1. आपकी क्या माँ-बहन नहीं हैं?
  2. मर्द का लीला-खेल
  3. सेवक की अपूर्व सेवा
  4. मुनीर, खूकू और अन्यान्य
  5. केबिन क्रू के बारे में
  6. तीन तलाक की गुत्थी और मुसलमान की मुट्ठी
  7. उत्तराधिकार-1
  8. उत्तराधिकार-2
  9. अधिकार-अनधिकार
  10. औरत को लेकर, फिर एक नया मज़ाक़
  11. मुझे पासपोर्ट वापस कब मिलेगा, माननीय गृहमंत्री?
  12. कितनी बार घूघू, तुम खा जाओगे धान?
  13. इंतज़ार
  14. यह कैसा बंधन?
  15. औरत तुम किसकी? अपनी या उसकी?
  16. बलात्कार की सजा उम्र-कैद
  17. जुलजुल बूढ़े, मगर नीयत साफ़ नहीं
  18. औरत के भाग्य-नियंताओं की धूर्तता
  19. कुछ व्यक्तिगत, काफी कुछ समष्टिगत
  20. आलस्य त्यागो! कर्मठ बनो! लक्ष्मण-रेखा तोड़ दो
  21. फतवाबाज़ों का गिरोह
  22. विप्लवी अज़ीजुल का नया विप्लव
  23. इधर-उधर की बात
  24. यह देश गुलाम आयम का देश है
  25. धर्म रहा, तो कट्टरवाद भी रहेगा
  26. औरत का धंधा और सांप्रदायिकता
  27. सतीत्व पर पहरा
  28. मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं
  29. अगर सीने में बारूद है, तो धधक उठो
  30. एक सेकुलर राष्ट्र के लिए...
  31. विषाद सिंध : इंसान की विजय की माँग
  32. इंशाअल्लाह, माशाअल्लाह, सुभानअल्लाह
  33. फतवाबाज़ प्रोफेसरों ने छात्रावास शाम को बंद कर दिया
  34. फतवाबाज़ों की खुराफ़ात
  35. कंजेनिटल एनोमॅली
  36. समालोचना के आमने-सामने
  37. लज्जा और अन्यान्य
  38. अवज्ञा
  39. थोड़ा-बहुत
  40. मेरी दुखियारी वर्णमाला
  41. मनी, मिसाइल, मीडिया
  42. मैं क्या स्वेच्छा से निर्वासन में हूँ?
  43. संत्रास किसे कहते हैं? कितने प्रकार के हैं और कौन-कौन से?
  44. कश्मीर अगर क्यूबा है, तो क्रुश्चेव कौन है?
  45. सिमी मर गई, तो क्या हुआ?
  46. 3812 खून, 559 बलात्कार, 227 एसिड अटैक
  47. मिचलाहट
  48. मैंने जान-बूझकर किया है विषपान
  49. यह मैं कौन-सी दुनिया में रहती हूँ?
  50. मानवता- जलकर खाक हो गई, उड़ते हैं धर्म के निशान
  51. पश्चिम का प्रेम
  52. पूर्व का प्रेम
  53. पहले जानना-सुनना होगा, तब विवाह !
  54. और कितने कालों तक चलेगी, यह नृशंसता?
  55. जिसका खो गया सारा घर-द्वार

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